क्यों सैकड़ो "रचना" स्कूल नहीं जा पाती..असली दर्द शायद समझना मुश्किल नहीं (Girls Child Still missing school in India)
ये कहानी है रचना की और उसके जैसे और भी लड़कियों की ....Delhi के पास की और शायद भारत के और भी जगह ऐसे बाते होती होंगी .....
रचना १४ साल की लड़की है ...जो मीलो पैदल चल के अपने सपनो को सच करने की उम्मीद में स्कूल जाती है ,ताकि वो भी कुछ बन सके ..और सर उठा के जी सके ,पर स्कूल आने जाने के रास्ते में उसके साथ हर रोज़ एक शर्मनाक घटना होती रहती है ....पर वो किसी से कुछ नहीं कहती, क्योंकी उसे पता है ....लोग उसे ही गलत कहेंगे ...उसका स्कूल आना जाना बंद हो जायेगा ....
वो डरती है ये कहने से ....की रास्ते में उसके स्कूल के सीनियर क्लास के लड़के उसे छेड़ते है ....उसका हाथ पकड़ के उसे परेसान करते है ....उसे इतना परेसान करते है की उस बच्ची की आँखों से आंसू निकल जाता है ...उसने स्कूल में कह के देख लिया ..कुछ भी नहीं हुआ .....पर वो घर पे नहीं कह प् रही है क्योंकि ,इलज़ाम उसके ऊपर ही आ जायेगा उसे डर है इस बात का ......
एक दिन उस बच्ची से जब रहा नहीं गया ..तो उसने ये बात अपने ...माँ बाप से कह दी ...और हुआ वही जिसका उसे डर था... "उसके ऊपर सारी गलती थोप दी गयी ....उसको स्कूल जाने से माना कर दिया गया.....और अब घर वाले
उसकी शादी जल्दी से जल्दी करना चाहते है ...क्योंकि उन्हें अपने इज़्ज़त की चिंता सताने लगी है "
उस मासूम से बच्ची को उन्होंने कटघरे में खड़ा कर दिया ...एक बार भी उन घटिया लड़को को सबक सीखने और उन्हें उनकी गलती बताने और सजा देने की कोसिस नहीं की गयी, ....और एक रचना ने अपने सपनो का गाला घोट दिया ...या घर वालो द्वारा घोट दिया गया ....................
माँ-बाप अगर अपनी बच्ची को शुरू से ही अपना सुरक्षा के लिए मज़बूत बनाते रहे ...उन्हें खाना बनाने जैसे फालतू बातो के अलावा जो ज़रूरी है ..जैसे शिक्षा ..और खुद को सुरक्षित कैसे रखे ....इसपे ज़्यादा ज़ोर होतो बच्चिया ऐसे परिस्थितियों से घबराये नहीं और ज़रूरत पड़ने पर मुह तोड़ जवाब दे .........आज के समाज जो देखते हुए यही ...ज़रूरी है .......
किसी और की गलती की सजा ..बहुत सारी मासूम बच्चिया कही न कही किसी न किसी रूप में झेलती है ..ज़रूरी है वो मज़बूती से ऊपर उठे ...खुद को और अपने आस पास की लड़कियों को भी मुतोड़ जवाब देना सिखए ...शायद तभी कुछ लगाम लग सके .......................................
Empowering Women - Be a Voice For These Girls
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रचना १४ साल की लड़की है ...जो मीलो पैदल चल के अपने सपनो को सच करने की उम्मीद में स्कूल जाती है ,ताकि वो भी कुछ बन सके ..और सर उठा के जी सके ,पर स्कूल आने जाने के रास्ते में उसके साथ हर रोज़ एक शर्मनाक घटना होती रहती है ....पर वो किसी से कुछ नहीं कहती, क्योंकी उसे पता है ....लोग उसे ही गलत कहेंगे ...उसका स्कूल आना जाना बंद हो जायेगा ....
वो डरती है ये कहने से ....की रास्ते में उसके स्कूल के सीनियर क्लास के लड़के उसे छेड़ते है ....उसका हाथ पकड़ के उसे परेसान करते है ....उसे इतना परेसान करते है की उस बच्ची की आँखों से आंसू निकल जाता है ...उसने स्कूल में कह के देख लिया ..कुछ भी नहीं हुआ .....पर वो घर पे नहीं कह प् रही है क्योंकि ,इलज़ाम उसके ऊपर ही आ जायेगा उसे डर है इस बात का ......
एक दिन उस बच्ची से जब रहा नहीं गया ..तो उसने ये बात अपने ...माँ बाप से कह दी ...और हुआ वही जिसका उसे डर था... "उसके ऊपर सारी गलती थोप दी गयी ....उसको स्कूल जाने से माना कर दिया गया.....और अब घर वाले
उसकी शादी जल्दी से जल्दी करना चाहते है ...क्योंकि उन्हें अपने इज़्ज़त की चिंता सताने लगी है "
उस मासूम से बच्ची को उन्होंने कटघरे में खड़ा कर दिया ...एक बार भी उन घटिया लड़को को सबक सीखने और उन्हें उनकी गलती बताने और सजा देने की कोसिस नहीं की गयी, ....और एक रचना ने अपने सपनो का गाला घोट दिया ...या घर वालो द्वारा घोट दिया गया ....................
माँ-बाप अगर अपनी बच्ची को शुरू से ही अपना सुरक्षा के लिए मज़बूत बनाते रहे ...उन्हें खाना बनाने जैसे फालतू बातो के अलावा जो ज़रूरी है ..जैसे शिक्षा ..और खुद को सुरक्षित कैसे रखे ....इसपे ज़्यादा ज़ोर होतो बच्चिया ऐसे परिस्थितियों से घबराये नहीं और ज़रूरत पड़ने पर मुह तोड़ जवाब दे .........आज के समाज जो देखते हुए यही ...ज़रूरी है .......
किसी और की गलती की सजा ..बहुत सारी मासूम बच्चिया कही न कही किसी न किसी रूप में झेलती है ..ज़रूरी है वो मज़बूती से ऊपर उठे ...खुद को और अपने आस पास की लड़कियों को भी मुतोड़ जवाब देना सिखए ...शायद तभी कुछ लगाम लग सके .......................................
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